डॉ राजीव सिंह और डॉ सोनिया सिंह टीम ने जन्म से जुड़े दो सिर वाले बच्चे का किया सफल ऑपरेशन
प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के डाक्टरों की टीम ने किया हैरतअंगेज काम
प्रयागराज/यूपी…. प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के डॉ राजीव सिंह और सोनिया सिंह टीम ने जन्म से जुड़े दो सिर वाले बच्चे का सफल ऑपरेशन किया है। हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ राजीव सिंह ने बताया कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है।
प्रयागराज के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल के डाक्टरों की टीम ने हैरतअंगेज कर सबको चौका दिया है।
गौरतलब हो कि पवन कुमार पुत्र कृष्ण कुमार की पत्नी रचना को दिनांक 9 दिसंबर 2024 को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खागा फतेहपुर में एक लड़का पैदा हुआ। इस महिला को पहले तीन लड़कियां थी और यह चौथा बच्चा पैदा हुआ तो घर में खुशहाली आई लेकिन जैसे ही नर्स ने बताया कि इस बच्चे को जन्मजात दो सिर हैं तो घर वालों के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और डॉक्टर ने बच्चे को बड़ी जगह इलाज के लिए रेफर कर दिया। परिवार वाले बच्चे को लेकर के फतेहपुर के हॉस्पिटल गए जहां बच्चा चार दिन भर्ती रहा और इलाज चलता रहा, चार दिन के उपरांत वहां पर डॉक्टर ने जवाब दे दिया और फिर परिवार वाले बच्चे को लेकर के कानपुर गए। कानपुर के रेजेन्सी हॉस्पिटल में भर्ती किया लेकिन इलाज के उपरांत वहां से भी यह जवाब मिला कि यह बच्चा बच नहीं पायेगा इसको घर ले जाइए सेवा करिए। परिवार वाले आपस में विचार विमर्श करके बच्चे के दादा श्री कृष्ण कुमार पाल बच्चे को लेकर के नारायण स्वरूप हॉस्पिटल, प्रयागराज आए यहां पर डॉक्टरों की टीम ने अवलोकन किया बच्चे की जांचे करायीं सीटी स्कैन कराया और उसके उपरांत बच्चे के परिवार वालों के साथ बात चीत करके इसके ठीक होने का और रिस्क का लगभग 50-50% चांस है यह सब बातें बच्चे के परिवार वालों को बताया और उनकी सहमती के उपरांत आपरेशन का निर्णय लिया फिर डॉक्टरों की टीम ने इसका अगले दिन ऑपरेशन किया। ऑपरेशन में डॉक्टर राजीव सिंह, डॉक्टर जे के सिंह पीडियाट्रिक सर्जन, डॉक्टर नितेश सिंह न्यूरोसर्जन एवं डॉक्टर पुष्कर केशरवानी पीडियाट्रिशियन एवं डॉक्टर सोनिया सिंह स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ ने मिलकर के ऑपरेशन किया।यह ऑपरेशन लगभग ४ घंटे तक चला और ऑपरेशन सफल रहा। सिर से जुड़े हुए दुसरे क्रियाहीन वाले हिस्से जिसे कि एनसेफलोसील कहते हैं उसे दिमाग के नॉर्मल वाले हिस्से से अलग करके रिपेयर किया गया और बच्चे को बेहोशी से बाहर लाया गया उसके उपरांत बच्चे में यह अवलोकन किया गया कि कोई हाथ पांव में कोई कमी तो नहीं आई और बच्चा पूर्णता स्वस्थ है या नहीं और कोई भी न्यूरोलॉजिकल कमी तो नहीं आई। बच्चा अच्छे से माँ का दूध पी रहा है और शरीर का पूरा अंग काम कर रहा है, लगभग 10 दिन तक बच्चे को एनआईसीयू में रखा गया और अब बच्चा पूर्णता स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज किया जा रहा है।
इस बीमारी को एनसेफलोसील कहते हैं जो जन्मजात विकृति है । इसमें मस्तिष्क के ऊतक बच्चे की खोपड़ी में एक छेद के माध्यम से बाहर आ जाते हैं और धीरे-धीरे विकसित होकर के बड़े आकार में आ जाते हैं, यह एक प्रकार का न्यूरल ट्यूब दोष है, जिसमें बच्चों की दिमाग की हड्डी पूरी तरह बंद नहीं होती और जिसकी वजह से यह स्थिति जानलेवा हो जाती है, इसका इलाज सिर्फ सर्जरी ही होता है, यह लगभग 10 लाख में किसी एक बच्चे को होता है और इसका आपरेशन बहुत ही कठिन माना जाता है। इस बीमारी के होने के जो प्रमुख कारण है उनमें से जेनेटिक्स कारण, वायरस का इंफेक्शन, होता है और कई बार कंजेनिटल अनमली या विटामिन की कमी की वजह से यह बीमारी होती है इसमें अक्सर बच्चों को उनका शारीरिक विकास नहीं हो पाता और बहुत बार उन्हें ब्लाइंडनेस या अपंगता विकसित हो जाती है। लेकिन यह बच्चा ऑपरेशन के उपरांत पूर्णता स्वस्थ है और इसके हाथ पांव पूरी तरह से कार्य कर रहे हैं बच्चा अच्छे से मां का दूध पी रहा है और बिल्कुल फिट है।