मध्य प्रदेश की पहली हाईटेक सि एम राइस विद्यालय विवो हाईटेक निजी स्कूलों को मात दे रहा प्रदेश का पहला सरकारी सि एम राइज स्कूल सर्व सुविधा युक्त सि एम राइज विद्यालय में छात्र-छात्राओं का खेल-खेल में हो रहा समग्र विकास एक साथ 2000 के लगभग छात्र-छात्राएं ले रहे शिक्षा मध्य प्रदेश की पहली हाईटेक
अरुण उदय से लेकर 12वीं तक के छात्र-छात्राओं को कई तरह की मिल रही सुविधाएं
बच्चों के लिए लाइब्रेरी कंप्यूटर लैब के साथ-साथ घर तक लाने ले जाने के लिए बस सुविधा
रिमेडियल कक्षा जिसमें ट्रैक्रर के माध्यम से कमजोर बच्चों को पढ़ाई में मिल रही मजबूती
जी हां हम बात कर रहे हैं मध्य प्रदेश के पहले सि एम राइस विद्यालय कि जो
शाजापुर जिले की गुलाना तहसील मुख्यालय पर मॉडल के रूप में स्थापित हुआ है
जहां एक साथ 2000 के करीब छात्र-छात्राएं अपनी पढ़ाई कर रहे हैं और भविष्य की नींव गड रहे हैं
मध्य प्रदेश की इस पहली सी एम राइज विद्यालय में सुविधा की बात की जाए तो प्रदेश के हाईटेक स्कूलों को मात दे रहा है यह सरकारी स्कूल
जिसमें रेमेडियल कक्षाओं का संचालन ट्रैक्रर के माध्यम से करके कमजोर बच्चों को पढ़ाई में मजबूत कर रहे हैं इस सरकारी स्कूल में
म्यूजिक क्लास से लेकर स्मार्ट क्लास तक की संपूर्ण सुविधा के साथ-साथ लाइब्रेरी और कंप्यूटर लैब जैसी सुविधाएं भी बच्चों को मिल रही है साथ ही बच्चों को बैठने की व्यवस्था ,खेल मैदान , छोटे-छोटे बच्चों को खिलौनों से लेकर संपूर्ण सुविधा जैसी अनेकों सुविधाओं से सुसज्जित बनी इस भव्य तीन मंजिला स्कूल बिल्डिंग में छोटे बच्चों को अरुण उदय कक्षा लगाकर खेल खिलौने के साथ पढ़ाई करवाई जा रही है
इस सरकारी स्कूल में योग्यता के आधार पर शिक्षकों का चयन हुआ है जो बच्चों को व्यवस्थित शिक्षा दे रहे हैं इस मध्य प्रदेश के सि एम राइस विद्यालय में दस दस किलोमीटर दूर के बच्चे भी लाभ ले रहे हैं साथ ही उन को व्यवस्थित रूप से लाने ले जाने का काम भी बस द्वारा किया जा रहा है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर बसों में महिला कंडक्टर की ड्यूटी विशेष तौर पर लगाई गई जो बच्चों को घर से स्कूल और स्कूल से घर छोड़ती है
इस दौरान डॉ भीमराव अंबेडकर सि एम राइस विद्यालय के प्राचार्य गोपाल कृष्ण शर्मा ने कहा कि हमारा प्रयास रहता है कि सरल से सरल तरीके से अपनी बात को बच्चों को बताया जाए। हम नए-नए तरीके अपनाते हैं जिससे बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई कर सकें। इसको एक्टिविटी मेथड कहते हैं। इसमें बच्चे सहभागिता करके नई चीजों को सीखते हैं। इस तरह पढ़ाने से बच्चों को लंबे समय तक याद रहता है और उन्हें बोरियत भी भी फील नहीं होती है विद्यार्थियों की आवश्यकताओं, क्षमताओं, रुचियों और सीखने की शैलियों पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक सुरक्षित, आनंदमयी और समावेशी स्थान पर शिक्षा देने की कोशिश की जाती है. यह ऐसा दृष्टिकोण है, जिसमें प्रत्येक विद्यार्थी की विशेषताओं को पहचान कर शिक्षित किया जाता है.
विद्यार्थियों के समग्र विकास पर ध्यान केन्द्रित करते हुए शिक्षा दी जाती है. इससे विद्यार्थी की बौद्धिक, शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक क्षमताओं का विकास होगा और वे जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बन सकेंगे.
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश की इस महत्वाकांक्षी योजना को लेकर
नीति आयोग ने भी सीएम राइज योजना की सराहना की थी. नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन के बेरी ने राज्य सरकार की बहुआयामी सीएम राइज स्कूल योजना की सराहना की थी. एवं स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों एवं विद्यार्थियों की उपस्थिति सुधार को लेकर किए जा रहे कार्यों को भी जाना था.
बाइट शिक्षक सि एम राइज विद्यालय गोलाना 02
बाइट छात्र छात्राएं सि एम राइज विद्यालय गोलाना 03